शिक्षक दिवस की जानकारी

💫📝Teacher Day Special📝💫

🔴इतिहास से गायब कुछ सत्य बाते

मै आपलोगों को विदेशी ब्राह्मण जात
✨''सर्वपल्ली राधाकृष्णन'' और मूलनिवासी बहुजन

✨ ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले''
😳दोनो के ''एजुकेशन'' 📝के लिए किये गए कार्यो को बताउंगा ,

फिर फैसला आपलोग ही करना की किसका जन्मदिन ''राष्ट्र गुरु'' टीचर दिवस के रूप में मनाना चाहिए ,

🔴1)ब्राह्मण जात सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पैदा होने के 40 साल पहले से ही ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने आधुनिक भारत में एजुकेशन के फिल्ड में क्रांति सुरु कर दी थी (सबूत =
✨ ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' का जन्म 11 अप्रैल 1827 में हुआ और उन्होंने क्रांति की सुरुवात 1848 को कर ही दिया जबकि विदेशी ब्राह्मण जात
✨''सर्वपल्ली राधाकृष्णन'' का जन्म 5 sep 1888 को हुआ मतलब फुले की क्रांति के 40 साल बाद )!

🔴2)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने 1848 से शुरू कर 4 साल के अन्दर ही करीब 20 स्कूल खोल डाले ,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने एक भी स्कूल नहीं खोला !

🔴3)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने पिछड़ी जात के लोगो को बिना पैसे लिए एजुकेशन दिया ,जब की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने जिंदगी भर पैसे की लालच में लोगो को पढ़ाया !

🔴4)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने खुद की जेब से पैसे खर्च कर लोगो को education दी ,जबकि ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने एजुकेशन देने के नाम पर खूब पैसा कमाया !

🔴5)गाव देहातो में ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने 20 स्कूल खोले ,जब की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली गावो में स्कूल खोलने गया ही नहीं

🔴6)सबको बैज्ञानिक सोच वाली एजुकेशन ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने दिया ,जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने ''ब्राह्मण धर्म'' (हिन्दू धर्म) की गैर बराबरी और अंधविश्वास वाली एजुकेशन का कट्टर समर्थक था !

🔴7)'✨'बालविवाह'' का विरोध और ✨''विधवा विवाह'' को बढ़ावा दिया ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने जबकि ब्राह्मण जात सर्वपल्ली बाल विवाह का समर्थक था ,और विधवा विवाह का विरोधी !

🔴8)महिलाओं के लिए पहला स्कूल aug 1848 को ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने खोला जब की ब्राह्मण जात सर्वपल्ली स्त्री एजुकेशन का विरोधी था

🔴9)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने अपनी पत्नी को सबसे पकले एजुकेशन दी ,ब्राह्मण जात सर्वपल्ली ने अपनी औरत को ही अनपढ़ बनाए रख्खा !

🔴10)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने अपना गुरु
✨ ''छत्रपति शिवाजी महाराज'' को माना ,
ब्राह्मण सर्वपल्ली ने अपना गुरु ब्राह्मण
✨भगौड़ा ''सावरकर'' को माना !
🔴11)''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले ने ✨''गुलामगिरी'' नमक ग्रन्थ लिख पिछड़ी जातियों को गुलामी का एहसास कराया ,
जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने ब्राह्मण धर्म का कट्टर समर्थन कर बहुजनो के दिमाग की नसबंदी कर उनके
✨दिमाग को बांज बनाया !
🔴12)किसानो को जगाने के लिए ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने किताबे लिखी जैसे
✨''किसान का कोड़ा'', आज से
😳♦150 साल पहले 'कृषि विद्यालय' की बात की,
जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली ने जीतनी भी किताबे लिखी सब की सब ब्राह्मण
✨धर्म को महिमामंडित करने को लिखी !
🔴13) सभी को एजुकेशन मुफ्त और सख्ख्ती से दिया जाय इसके लिए
✨''हंटर कमिसन'' (उस समय का भारतीय एजुकेशन आयोग) के आगे अपनी मांग ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने रख्खी ,
✨जब की ब्राह्मण सर्वपल्ली बहुजनो को एजुकेशन देने का विरोधी था

🔴14)लोगो ने ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' को
✨''राष्ट्रपिता'' की उपाधि दी ,ब्राह्मण सरकार ने ब्राह्मण सर्वपल्ली की चोरी की थीसिस पर
✨ उन्हें डॉ की उपाधि दी !

🔴15) ''राष्ट्रपिता ज्योतिराव फुले'' ने ✨ब्राह्मणों को विदेशी कहा
ब्राह्मण सर्वपल्ली ने भी
✨खुद को विदेशी आर्य ब्राह्मण कहा
👍(बस केवल एक जगह दोनों सामान थे )

🔴
🔴✨आर्यन चिराम✨🔴

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